शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

भारतीय नववर्ष

सभी को नवबर्ष की हार्दिक बधाई 8अप्रैल प्रथम नवरात्र से हनुमान जयंती तक राम उत्सव मनाएं

सभी मित्रों को आने वाले "नव-वर्ष" की अग्रिम सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हमारा नववर्ष है। हम परस्पर उसी दिन एक दुसरे को  शुभकामनाये दें।

अंग्रेजी कैलेन्डर के अनुसार, 08 अप्रैल 2016 को यह दिन आयेगा।

ज्यादा लोग ये जानते की हमारा नववर्ष कब मनाया जाता है या किस समय शुरू होता है अंग्रेजी नव वर्ष को ही वो बेचारे धूम धाम से मनाते हैँ ।।

एक और अनुरोध इस नव वर्ष पर हमें क्या-क्या करना चाहिए:-

1. इस दिन सुबह जल्दी जागेँ .
2. जल्दी स्नान कर नए वस्त्र पहनेँ .
3. घर के मुख्य द्वार को संभव हो तो फूलोँ से सजायेँ .
4. मंदिर, गौशाला जाकर दर्शन और दान करेँ .
5. अपने मित्रोँ,परिवार, रिश्तेदारोँ के साथ मिलकर त्यौहार मनाये साथ भोजन करे .
6. गरीबोँ को भोजन देँ .
7. अपने मोहल्ले और शहर के द्वारोँ और बैनरोँ से सजायेँ .
8. सांस्कृतिक प्रोग्राम करेँ .
9. अपनी नयी पीढ़ी को अपने सनातन नववर्ष के बारे में अवश्य बतायेँ

हमें गर्व है कि हम इसाई कैलेंडर से 57 साल आगे हैं। इसाई कैलेंडर जहाँ अभी वर्ष 2016 तक ही पहुँचा है, वहीं हमारा भारतीय कैलेंडर 08 अप्रैल 2016 को गुड़ी पढ़वा के दिन 2073वे वर्ष में प्रवेश कर जाएगा। इसी दिन से चैत्र नवरात्र प्रारंभ होंगे जिसका समापन रामनवमी पर होगा।

भारतीय नववर्ष का ऐतिहासिक महत्व :

1. यह दिन सृष्टि रचना का पहला दिन है। इस दिन से एक अरब 97 करोड़ 39 लाख 49 हजार 111 वर्ष पूर्व इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने जगत की रचना प्रारंभ की।

2. विक्रमी संवत का पहला दिन: उसी राजा के नाम पर संवत् प्रारंभ होता था जिसके राज्य में न कोई चोर हो, न अपराधी हो, और न ही कोई भिखारी हो। साथ ही राजा चक्रवर्ती सम्राट भी हो। सम्राट विक्रमादित्य ने 2072 वर्ष पहले इसी दिन राज्य स्थापित किया था।

3. प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक दिवस : प्रभु राम ने भी इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या में राज्याभिषेक के लिये चुना।

4. नवरात्र स्थापना : शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात्, नवरात्र स्थापना का पहला दिन यही है। प्रभु राम के जन्मदिन रामनवमी से पूर्व नौ दिन उत्सव मनाने का प्रथम दिन।

5. गुरू अंगददेव प्रगटोत्सव: सिख परंपरा के द्वितीय गुरू का जन्म दिवस।

6. समाज को श्रेष्ठ (आर्य) मार्ग पर ले जाने हेतु स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन को आर्य समाज स्थापना दिवस के रूप में चुना।

7. संत झूलेलाल जन्म दिवस : सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।

8. शालिवाहन संवत्सर का प्रारंभ दिवस : विक्रमादित्य की भांति शालिनवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।

9. युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन : 5112 वर्ष पूर्वयुधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।

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इसको पूरे देश में ज्यादा से ज्यादा लोगोँ तक पहुचायेँ ...

जय हिंदुत्व ....
जय हिन्द ... वन्देमातरम ....क्षत्रिय समाज की जय हो एकता मेलजोल बढ़ती रहे।
👆👆👆👆👆👆👆👆जय सीताराम